रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
बेंगलुरु कर्नाटक
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में एक मार्च को हुए रामेश्वरम कैफे में धमाके को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में संदिग्ध की पहचान कर ली है। यह भी पाया गया कि संदिग्ध इस साल जनवरी के आसपास चेन्नई में रहता था।
बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में 1 मार्च को दोपहर करीब 1 बजे बम विस्फोट हुआ था। जिसमें 10 लोग घायल हुए थे। सूत्रों के अनुसार कैफे ब्लास्ट के तार आतंकी संगठन ISIS से जुड़े हैं। NIA ने इस मामले में 7 राज्यों में 17 ठिकानों पर छापेमारी की है।
बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट मामले में एनआईए ने संदिग्ध की पहचान कर ली है। सूत्रों के मुताबिक जांच जारी रखते हुए एनआईए ने आसपास के 1,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की जांच की। उन्होंने बताया कि बाद में संदिग्ध की पहचान मुसाविर हुसैन शाजिब के रूप में हुई।
एजेंसी ने यह भी खुलासा किया कि संदिग्ध कर्नाटक के तीर्थहल्ली जिले के शिवमोग्गा का रहने वाला है। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक एनआईए ने यह खुलासा तब किया जब उसे वह टोपी मिली, जिसे संदिग्ध को कई सीसीटीवी वीडियो में पहने हुए देखा गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक टोपी चेन्नई के एक मॉल से खरीदी गई थी। जिससे साफ होता है कि इस साल जनवरी से संदिग्ध एक महीने से अधिक समय से चेन्नई में रह रहा था। आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने शाजिब के एक साथी की पहचान तीर्थहल्ली के मूल निवासी अब्दुल मतीन ताहा के रूप में की है।
अब्दुल तमिलनाडु पुलिस इंस्पेक्टर के विल्सन की हत्या के लिए वांछित था और चेन्नई में मुख्य संदिग्ध के साथ रहा था। सूत्रों ने बताया कि ताहा भी शिवमोग्गा में आईएसआईएस मॉड्यूल का हिस्सा था। इसकी पुष्टि मॉड्यूल के सदस्यों ने भी की थी, जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था।
इतना ही नहीं अब्दुल ताहा को सीसीटीवी फुटेज में भी देखा गया था, जहां उसने विस्फोट से एक दिन पहले कैफे की रेकी की थी।