मुख्तार अंसारी गेगस्टर ने ऐसे तय किया था ‘बल्ले’ से ‘एके-47’ तक का सफर नामा,

A G SHAH
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मुख्तार अंसारी गेगस्टर ने ऐसे तय किया था ‘बल्ले’ से ‘एके-47’ तक का सफर

बल्ला लेकर घूमने वाले मुख्तार पर वर्ष 1978 में दर्ज हुआ था पहला एनसीआर

वर्ष 1986 में मुहम्मदाबाद कोतवाली में दर्ज हुआ था हत्या का पहला मुकदमा

जिले को बारुद के ढेर पर बैठाने वाले मुख्तार अंसारी के अपराध की है लम्बी फेहरिस्त

रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

Head एडिटर Sctvness

गाजीपुर*उत्तर प्रदेश । जैसा कि सभी जानते है कि माफिया मुख्तार अंसारी पढ़ाई के समय से ही क्रिकेट खेलने का काफी शौकीन था। क्रिकेट खेलते-खेलते उसके हाथ में बल्ले की जगह कब एके-47 ने ले ली इसके पीछे भी एक लम्बी कहानी है। कहानी के मुख्य किरदार सैदपुर कोतवाली क्षेत्र के मुड़ियार गांव निवासी मकनू सिंह और साधू सिंह थे। इन दोनों भाइयों की अदावत बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के साथ थी। इस खूनी अदावत के चलते 80 के दशक में सैदपुर इलाके की जमीन जमीन खून से सराबोर हो गई थी। दोनों तरफ से कई हत्याएं हुई। वर्ष 1987 में मकनू सिंह की हत्या हो गई। इसके बाद गैंग की कमान उनके छोटे भाई साधू सिंह ने सम्भाल ली थी। यहीं से मुख्तार अंसारी की लाइफ स्टाइल की गेंद ने भी टर्न-ओवर लिया। साधू सिंह को अपना गुरु भाई मानकर मुख्तार अंसारी अपराध जगत के दलदल में कूद पड़ा और एक के बाद एक कई आपराधिक घटनाओं को अंजाम देकर भूचाल मचा दिया था। इस दौरान वर्ष 1989 में साधू उर्फ साधूशरण सिंह की भी हत्या फिल्मी स्टाल में हो गई। फिर क्या था मुख्तार अंसारी ने पूरे गैंग की कमान को अपनी मुठ्ठी में कर लिया।

शुरु से ही मुख्तार था असलहों का शौकीन

80 के दशक से लम्बे समय तक अपराध जगत से जुड़े सूत्रों के अनुसार मुख्तार अंसारी शुरु से ही असलहों का शौकीन था। कंधे पर राइफल लेकर अपनी मूंछ को ताव देकर बुलेट से चलना इसका अपना शौक था। साधू सिंह के असलहों को मुख्तार अंसारी परमानेंट अपने साथ रखता था। कद काठी में लम्बा चौड़ा होने की वजह से अपराध जगत में उसकी एक अलग पहचान बन गई थी।

सचिदानंद राय हत्याकांड के बाद हुआ हाईलाइट

वर्ष 1988 में मुहम्मदाबाद कोतवाली क्षेत्र के हरिहरपुर गांव निवासी सचिदानंद राय की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की गई थी। इस कांड में मुख्तार अंसारी का नाम पहली बार हाईलाइट हुआ था। पुलिस सूत्रों के अनुसार सचिदानंद राय और मुख्तार अंसारी के बीच झगड़ा चल रहा था। जिसके चलते मुख्तार ने उनकी हत्या कर दी थी।

इसके बाद शुरु हुआ हत्याओं का दौर

अपराध जगत में शुरु से ही चर्चा आम रहा है कि मुख्तार अंसारी अपने दुश्मन से बदला लेने में माहिर था। अपने गुरु भाई साधू सिंह की हत्या का बदलना लेने के लिए उस वक्त गैंग के लोगों के साथ मिलकर मुख्तार अंसारी ने प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से सैदपुर के मुड़ियार गांव में कई लाशें गिराई थी। इसमें से दो लाशें माफिया त्रिभुवन के भाई विरेन्द्र सिंह उर्फ बेड़ा सिंह और रामविलास सिंह उर्फ विलास सिंह की भी थी। इसके बाद मुख्तार अंसारी ने वाराणसी के पुलिस लाइन में घुसकर त्रिभुवन सिंह के भाई राजेन्द्र सिंह जो यूपीपी में सिपाही थे उनकी हत्या की थी।

मुख्तार अंसारी पर दर्ज आन रिकार्ड मुकदमे


कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी पर पूर्वांचल के अलग-अलग जिलों में कुल 65 आपराधिक मुकदमे दर्ज है। जिसमें से 23 मुकदमे सिर्फ गाजीपुर जिले में दर्ज है। इसी प्रकार मऊ जिले में 8 और आजमगढ़ जिले में तीन मुकदमे दर्ज है। इसी क्रम में पंजाब के मोहाली सास नगर जिले के माठौर थाने में भी भादंवि की धारा 386,506 के तहत एक मुकदमा दर्ज है। इसके अलावा वाराणसी व लखनऊ समेत दिल्ली में भी कई मुकदमे दर्ज है।




मुंहबोले साले जाहिद का नाम आया था सामने

अपराध जगत में भूचाल मचाने के बाद वर्ष 1991 में मुख्तार अंसारी ने राजनीतिक क्षेत्र में रुख मोड़ा। चूंकि उस वक्त वह खुद की पहचान के लिए मोहताज नहीं था। इसी दौरान विधानसभा का चुनाव घोषित हुआ। उस वक्त बसपा से चुनाव लड़े प्रत्याशी विश्वनाथ मुनीम की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसकी वजह से चुनाव छह माह के लिए टल गया था। इस हत्या की साजिश में भी मुख्तार कर नाम लाइट में आया था, लेकिन मामला दब गया और बाद में बसपा के टिकट पर ही मुख्तार सदर विधानसभा की सीट से चुनाव लड़ा था। य िदिगर था कि इस चुनाव में वह हार गया था।

बहुचर्चित विश्वनाथ मुनीम हत्याकांड की कहानी भी काफी इंट्रेस्ट्रिंग थी। चर्चा के मुताबिक नगर क्षेत्र का ही रहने वाला मुख्तार अंसारी का मुंहबोला साला जिसे उस वक्त लोग जाहिद के नाम से जानते थे वह सुजावलपुर मुहल्ले में स्थित मकान पर गया था जहां विश्वनाथ मुनीम किराये पर रहते थे। चर्चा में है कि चुनाव में मुख्तार अंसारी की तरफ से चंदा देने के नाम इन लोगों ने विश्वनाथ मुनीम को घर से बाहर बुलाया फिर उसकी गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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