बिहार के प्रोफेसर पर आया इंडोनेशियाई युवती का दिल, मोतिहारी में हिंदू रीति-रिवाज से रचाई शादी

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

    मोतिहारी

  इंडोनेशिया की युवती को पढ़ाई के दौरान पूर्वी चंपारण जिले के युवक से प्यार हुआ और उनका प्यार अपने मुकाम तक पहुंचा. दुल्हन इंडोनेशिया के नौर्थ सुमात्रा प्रोविंस स्थित सिबोरोगबोरोगा की रहने वाली सोइल्लीना मेनाक सिलाबन है. वहीं दूल्हा पताही के परसौनी गांव का रहने वाले अखिलेश कुमार सिंह का पुत्र हर्षबर्धन कुमार है. दोनों की शादी के गवाह गांव के अलावा अगल-बगल के क्षेत्र के लोग भी बने. इस शादी के बाद दुल्हन सोइल्लीना ने भारतीय कल्चर को बहुत अच्छा बताया. दूल्हे ने बताया कि मैं ताइवान में पोस्ट डाक्टोरल साइंटिस्ट के रूप में कार्य कर रहा था. वहीं पर सोइल्लीना ग्लोबल फाइनेंस में एमएस कर रही थी.

हर्षवर्धन ने कहा कि मैं सोइल्लीना को हिंदू कल्चर और रीति रिवाज से परिचित कराना चाहता था।इसलिए हिंदू रीति रिवाज से भी मैंने शादी की. इसलिए फिर अपने गांव आकर भारतीय रीति रिवाज से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच शादी की है. यहां के रीति रिवाज का अनुभव कर वह काफी खुश है. उसने काफी सहयोग भी किया. वहीं दुल्हन सोइल्लीना मेनाक सिलाबन ने बताया कि ताइवान में हमदोनों एक दूसरे के नजदीक आए और प्यार हो गया.

हर्षबर्धन के पिता अखिलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस शादी से वह बहुत खुश हैं. दुल्हन यहां के कल्चर को ग्रहण करने वाली है. वह यहां के बारे में सब कुछ जान जाएगी और जल्द ही सीख लेगी. गांव के लोगों ने भी दुल्हन का अच्छे ढंग से स्वागत किया है. हर्षबर्धन की मां ने बताया कि मेरा पूरा परिवार खुश है. दुल्हन बहुत अच्छी है. वह धीरे-धीरे सबकुछ सीख लेगी और समझ जाएगी. वह बहुत कुछ जानती भी है।हिन्दी बोलना धीरे-धीरे सीख लेगी.

हर्षबर्धन के पैतृक गांव पताहीं के परसौनी में गुरुवार को शादी को लेकर पूरी तैयारी की गई थी. हर्षबर्धन के परिजनों ने इस शादी को लेकर सगा संबंधियों के अलावा अपने नजदीकी लोगों को भी आमंत्रित किया था. पारंपरिक शादी के गीतों और वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सभी रस्मों को पूरा किया गया. हिंदू रीति रिवाज से हुई शादी से सोइल्लीना का काफी खुश दिख रही थी. वहीं शुक्रवार को रिसेप्शन रखा गया था. इसमें काफी संख्या में लोग आमंत्रित किए गए थे. लोगों ने वर वधु आशीर्वाद दिया. इस शादी और रिसेप्शन को लेकर ग्रामीणों में भी काफी उत्साह था. इस मौके पर सोइल्लीना की मां सोली सिपाहुतार भी उपस्थित रही, जो यहां के कल्चर और रीति रिवाज की काफी प्रशंसा करते दिखी.

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