रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
नोएडा : नोएडा अथॉरिटी (Noida Authority) में कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (CAG) की टीम एक बार फिर पहुंच गई है। साथ ही ऑडिट भी शुरू कर दिया है। इस बार जनवरी 2023 से जनवरी 2024 तक की फाइलों को देखना शुरू कर दिया है। प्राधिकरण में सीएजी के तीन अधिकारियों की अगुवाई वाली टीम आई है। सीएजी की टीम के आने से प्राधिकरण दफ्तर में एक बार फिर हलचल तेज हो गई। हालांकि, इससे पहले भी कैग कई बार नोएडा अथॉरिटी में जांच कर चुकी है। जिसमें करोड़ों रुपए की गड़बड़ी पाई गई थी। इन सभी की जांच चल रही हैं।
टेंडर और परियोजना की जांच
सीएजी टीम के लिए अथॉरिटी दफ्तर में एक कमरा रिजर्व कर दिया गया है। इस जांच को कंपलॉयस ऑडिट का नाम दिया गया है। इसमें प्राधिकरण की तरफ से अलग-अलग काम के लिए जारी किए गए टेंडर और परियोजना की लागत समेत अन्य बिंदुओं पर जांच होगी। अब टीम एक-एक कर विभागों की फाइलों को मंगाकर जांच करेगी। अब टीम एक-एक कर विभागों की फाइलों को मंगाकर जांच करेगी। इस एक साल के कामकाज की जांच करने में कम से कम तीन से चार महीने का समय लगेगा। इसके बाद वह आपत्तियों का ब्योरा तैयार कर अथॉरिटी अधिकारियों को सौंपेगी।
30 हजार करोड़ रुपये की गड़बड़ी
प्रदेश सरकार के निर्देश पर पहले चरण में वर्ष 2004- 5 से लेकर वर्ष 2017-18 तक के कामकाज की जांच की गई। इसको परफार्मेस ऑडिट का नाम दिया गया था। इसमें प्राधिकरण की तरफ से तैयार किए नियमों के अंतर्गत जांच की गई थी। इस दौरान 200 से अधिक आपत्तियां लगाते हुए करीब 400 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की थी। सीएजी को 30 हजार करोड़ रुपये की गड़बड़ी मिली थी। इसकी लोक लेखा समिति सुनवाई कर रही है।
पीएम का दखल
गौरतलब है कि यूपी में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजियाबाद में आयोजित एक जनसभा में कहा था कि अगर यूपी में भाजपा सरकार आती है तो प्राधिकरण में बीते सालों में हुई गड़बड़ियों की जांच सीएजी से कराई जाएगी। प्रदेश में सत्ता में भाजपा सरकार आ गई। उसी साल सीएजी ने वर्ष 2017 में पहली बार प्राधिकरण में जांच के लिए कदम रखा था।