रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
पटना
बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग में कथित घोटाला पर भाजपा ने मुहर लगा दी है. तेजस्वी यादव पर लगे आरोप को सही बताया. भाजपा ने साफ-साफ कहा कि आखिर घोटाला हुआ तभी तो विश्वास मत से पहले विधायकों की खरीद फरोख्त की गई. इतने रुपए कहां से आए? सीएम नीतीश कुमार के बयान का भी हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने भी सदन में जांच कराने की बात कही है. इससे साफ है कि बड़े स्तर पर घोटाला किया गया है.हम पार्टी के संरक्षक जीतन राम मांझी ने गया में आयोजित एक कार्यक्रम में तेजस्वी यादव पर गंभीर आरोप लगाए. रविवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए तेजस्वी यादव ने सीओ से 50-50 लाख रुपए लिए. वो तो समय रहते सीएम नीतीश कुमार ने ट्रांसफर को रद्द कर दिया गया नहीं तो और ज्यादा घोटाला करने की तैयारी थी.दरअसल, मामला साल 2023 का है. जून महीने में राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का तबादला किया गया था. उस वक्त राजद नेता आलोक मेहता भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री थे. हालांकि ट्रांसफर पोस्टिंग की अधिसूचना जारी होने के 26 दिनों के बाद सीएम नीतीश कुमार ने रद्द कर दिया था. उस वक्त भाजपा ने ही आरोप लगाया था कि मनचाहा तबादले के बदले अधिकारियों से रुपए की वसूली की गई है.