चंपई सोरेन सरकार के लिए संजीवनी साबित हुए राहुल गांधी, झारखंड पहुंच बचा लिया कांग्रेस विधायकों का बिखराव

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 रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

रांची झारखंड में सीएम चंपई सोरेन को विश्वास मत हासिल करने में कामयाबी मिल गई तो इसका श्रेय सीधे-सीधे राहुल गांधी को जाता है। राहुल भारत जोड़ो न्याय यात्रा के क्रम में झारखंड नहीं पहुंचते तो कांग्रेस के विधायक शायद पलटी मार देते। कांग्रेस विधायकों के पलटी मारने की आशंकाएं पहले से ही जताई जाती रही है। कोलकाता में कांग्रेस के तीन विधायक 49 लाख की नकद रकम के साथ पकड़े गए थे तो उसके तार भाजपा से जोड़े जा रहे थे। बीच में भी भाजपा पर आरोप लगता रहा है कि महागठबंधन की सरकार को अस्थिर करने की वह शुरू से प्रयास कर रही है। मनी लांड्रिंग मामले में पूर्व हो चुके सीएम हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी को भी महागठबंधन के नेता भाजपा की ही साजिश करार दे रहे हैं।

राहुल की वजह से एकजुट रहे कांग्रेस विधायक

कांग्रेस नेतृत्व को भी अपने विधायकों के इरादे पर संदेह रहा है। यही वजह थी कि चंपई सोरेन के सीएम पद की शपथ लेते ही कांग्रेस ने तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में महागठबंधन में शामिल तीनों दलों के विधायकों को भेजने और ठहरने की व्यवस्था की। हैदराबाद पहुंचे विधायकों पर चौकस नजर थी। लिफ्ट से लान तक विधायकों पर नजरदारी थी। महागठबंधन के विधायक जब रांची लौटे तो राहुल गांधी भी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के क्रम में रांची आ गए। उनके आने से महागठबंधन को नैतिक बल मिला। विधायकों को हैदराबाद भेजने की रणनीति भी राहुल गांधी की ही मानी जा रही है। राहुल के रांची में रहने से कांग्रेस के विधायक भी एकजुट रहे। जेएमएम के नाराज विधायक तो पहले ही मान गए थे। लोबिन हेम्ब्रम ने तो पार्टी छोड़ने की घोषणा ही कर दी थी, लेकिन बाद में वे चंपई सोरेन के पक्ष में वोटिंग करने को तैयार हो गए। उन्हें पार्टी ने मना लिया था। अगर चंपई सोरेन के पक्ष में 47 मत पड़े तो इसका मतलब साफ है कि जेएमएम में नाराजगी खत्म हो गई थी। कांग्रेस के विधायकों ने भी पलटी मारने की विपक्ष की आशंका पर पानी फेर दिया।

हेमंत के निशाने पर भाजपा और राज्यपाल रहे

विश्वास मत के प्रस्ताव पर बहस के दौरान विधानसभा में पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने जिस तरह भाजपा और राज्यपाल को निशाने पर लिया, उससे महागठबंधन के विधायकों को हिम्मत मिली। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी के लिए राजभवन की भूमिका पर भी सवाल उठाए। भाजपा तो सीधे उनके निशाने पर थी। उन्होंने भरे सदन में सफाई दी कि जो संपत्ति उनके नाम बताई जा रही है, उसे कोई साबित कर दे तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे। गिरफ्तारी के बाद हेमंत सोरेन अभी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के रिमांड पर हैं। विशेष तौर पर उन्हें विश्वास मत प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए सदन की कार्यवाही में शामिल होने की इजाजत मिली थी।

चंपई ने भाजपा की उम्मीदों पर पानी फेर दिया

सीएम चंपई सोरेन ने विश्वास मत हासिल कर भाजपा के इरादे पर पानी फेर दिया है। भले ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि विधायकों के तोड़-फोड़ की भाजपा ने कभी कोशिश नहीं की, लेकिन जानकार मानते हैं कि भाजपा इस उम्मीद में जरूर थी कि विश्वास मत हासिल करना चंपई सोरेन के लिए आसान नहीं होगा। जिस तरह जेएमएम में खटपट की आहट सुनाई दे रही थी, उससे ही भाजपा सरकार गिरने की उम्मीद पाले हुई थी।

विश्वास मत के लिए सदन की कार्यवाही शुरू होने के पहले बाबूलाल मरांडी ने ‘X’ पर लिखा- कांग्रेस और झामुमो को अपने पार्टी के विधायकों के ऊपर भरोसा नहीं है, इसलिए उन्हें राज्य से बाहर ले जाया गया। झारखंड के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य में भारतीय जनता पार्टी ने किसी विधायक से संपर्क करने अथवा सरकार बनाने का कोई प्रयास नहीं किया। हेमंत सोरेन गंभीर आर्थिक अपराध और भ्रष्टाचार के आरोप में जेल गए हैं। केंद्रीय जांच एजेंसियां स्वतंत्र रूप से कार्य कर रही हैं। विपक्ष द्वारा उनके उपर लगाए जा रहे पक्षपात करने का आरोप निराधार है।

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