रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
कौशाम्बी। कोखराज थाना क्षेत्र के ग्रामीण भरवारी बैरिहा गांव में 2 फरवरी को गांव के बलराम सुमित्रा अनुष्का आदि दबंगों ने बनारसी लाल उनकी पत्नी सुगगन देवी और उनकी बहु ननकी देवी पर प्राण घातक हमला किया था जिससे तीनों लोगों को गंभीर चोटें आई थी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था इलाज के दौरान सुगगन देवी उम्र 57 वर्ष पत्नी बनारसी लाल की रविवार की भोर में मौत हो गई है महिला की मौत होते ही परिवार में कोहराम मच गया है सूचना देने के 3 घंटे चौकी पुलिस लाश पोस्टमार्टम को भेजने के लिए मौके पर नहीं पहुंची तब ट्विटर के माध्यम से अधिकारियों को मामले की जानकारी दी गई अधिकारियों को जानकारी दिए जाने के बाद पहुंची भरवारी चौकी पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है खबर लिखे जाने तक हमलावरो की गिरफ्तारी पुलिस नहीं कर सकी है।
तीन लोगों पर प्राण घातक हमले किए जाने की घटना को 9 दिन बीत चुके हैं लेकिन पुलिस ने मामले में 323 504 506 का मुकदमा दर्ज कर लिया है लेकिन आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं की है जबकि प्राण घातक हमले के मामले में पुलिस को प्राण घातक की धारा 307 के तहत मुकदमा दर्ज किया जाना था लेकिन पुलिस ने घायल बनारसी लाल की तहरीर बदलवा कर दूसरी तहरीर के आधार पर हल्के धारा में मुकदमा लिखकर हमलावरों को लाभ देने का प्रयास किया है हमलावरों को बचाने का ठेका लेने का आरोप चौकी इंचार्ज भरवारी पर परिजनों ने लगाया है तीन लोगों पर प्राण घातक हमले के इस मामले में तहरीर बदलवा कर मुकदमा लिखने के मामले में यदि चौकी इंचार्ज भरवारी के कारनामों की उच्च अधिकारियों ने जांच कराई तो चौकी इंचार्ज को कठोर दंड मिलना तय है चौकी इंचार्ज के अपराधियों को बल देने और तहरीर बदलवा कर हल्की धाराओं में मुकदमा लिखने के मामले को अधिकारी भी संज्ञान नहीं लेते जिससे इलाके में अपराधियों के मंसूबे तेजी से बढ़ रहे हैं।
अपराधियों पर कठोर कार्रवाई न किए जाने से भरवारी इलाका अपराध से दहल रहा है आम जनता पीड़ित परेशान है चौकी इंचार्ज के संगठित अपराधों से वसूली सहित लंबी लिस्ट होने के बाद भी अधिकारी चौकी इंचार्ज पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं कोखराज थाना क्षेत्र के भरवारी कस्बा और उसके पास गाँजा की बिक्री फलदार हरे पेड़ की कटान शराब की भट्टी डग्गामार वाहनों से अवैध वसूली जुआ के फड़ के संचालन से वसूली तक भरवारी चौकी पुलिस सीमित रह गई है जो पुलिस व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर रही है।
इलाज के दौरान महिला की मौत और उसके पति और बहू के घायल होने के मामले में हमले के तीन दिन पूर्व से बराबर पीड़ित पक्ष के घर में हमलावरो द्वारा ईट पत्थर चलाए जाते रहे मामले की सूचना स्थानीय पुलिस को देने के बाद भी पुलिस ने मामले को संज्ञान नहीं लिया यदि ईट पत्थर चलाए जाने के मामले को पुलिस ने संज्ञान ले लिया होता तो महिला और उसके परिजनों पर हमले की घटना रुक सकती थी लेकिन चौकी पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया जिससे इस हमले में चौकी पुलिस की भूमिका सवालों के घेरे में है।
हमले में हल्की चोट थी तो मरीज मरा कैसे और गंभीर चोट थी तो पुलिस ने लिखा क्यों नहीं
तीन लोगों पर प्राण घातक हमले के मामले में पुलिस द्वारा 323 504 506 का मुकदमा दर्ज किए जाने के बाद पुलिस की कार्यवाही पर सवाल खड़े हो गए हैं हमले के दौरान यदि महिला को हल्की चोट लगी थी तो इलाज के दौरान मरीज की कैसे मौत हो गई और यदि हमले के दौरान गंभीर चोट लगी थी तो पुलिस ने गंभीर चोट का मुकदमा 307 में क्यों नहीं दर्ज किया चर्चाओं पर जाए तो तीन लोगों पर प्राण घातक हमला करने के बाद चौकी इंचार्ज भरवारी से साठगांठ करने के बाद हमलावर मौके से फरार हुए हैं उनकी गिरफ्तारी का प्रयास चौकी पुलिस ने नहीं किया है जिससे भरवारी चौकी पुलिस के कारनामे पर सवाल खड़े हो गए हैं चौकी इंचार्ज भरवारी के रहते हुए मृतक परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है पुलिस अधिकारियों को महिला की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले की स्वतः जांच करते हुए दोषी चौकी इंचार्ज को दंडित करने और पीड़ितों को न्याय दिलाने का प्रयास करना होगा तभी योगी सरकार द्वारा अपराध और अपराधियों के विरुद्ध दिए गए निर्देश का पारदर्शी तरीके से पालन होगा।