ग्रेटर नोएडा के फौजी की केरल में मौत : भाई ने कहा- प्लान मर्डर, सीएम योगी से मांगा इंसाफ -

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

ग्रेटर नोएडा  : भारतीय सेना देश के करोड़ों देशवासियों के लिए गर्व का प्रतीक है। इतिहास में दुश्मनों से रक्षा के लिए देश के हजारों सैनिकों ने अपना बलिदान दिया। देश के जवानों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं किया जा सकता है। ऐसे में सरकार उनकी फैमिली के लिए कई सुविधाएं देती है। लेकिन, ग्रेटर नोएडा के फौजी के साथ जो कुछ हुआ, उसको सुनकर आपकी भी आंखें नम हो जाएंगी। दरअसल, केरल में तैनात फौजी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाती है। वहां की पुलिस ने इसे आत्महत्या बताया। लेकिन, मृतक के  भाई का कहना है कि उनकी हत्या की गई है। फौज में तैनात कर्नल और दूसरे बड़े अफसरों पर आरोप लगाया है। अब परिजनों ने गौतमबुद्ध नगर के डीएम से बॉडी का दोबारा से पीएम करने की मांग की है। मांग को देखते हुए शुक्रवार को बॉडी का पोस्टमार्टम दोबारा से किया जा रहा है।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक, केरल में 40 वर्षीय आर्मी मैन सुनील कुमार की डेड बॉडी मिली थी। सुनील कुमार के भाई संदीप कुमार ने कन्नोर पुलिस स्टेशन में शिकायत दी। संदीप कुमार ने बताया कि वह गौतमबुद्ध नगर के खेड़ी गांव ग्रेटर नोएडा वेस्ट के रहने वाले हैं। उनके बड़े भाई संदीप कुमार केरला के जिला कन्नोर में इंडियन आर्मी में हवलदार के पद पर तैनात थे। 5 जनवरी की सुबह 10:00 बजे भाई से बात हुई थी। उन्होंने मुझे बताया कि उनके सिविल सुपरिंटेंडेंट राधा कृष्ण और कर्नल आरएस बराडे उन्हें टॉर्चर कर रहे हैं। जो काम कभी उन्होंने नहीं की है, उसके लिए उन्हें रोज सताया जाता है। उच्च अधिकारी उन पर इसके लिए दबाव बना रहे हैं। भाई सुनील कुमार उन्हें हमेशा बताते थे कि ये लोग उन्हें रोजाना टॉर्चर कर रहे हैं। एक दिन ये मुझे मार डालेंगे। इसके बाद दूसरे ही दिन सुनील की लाश मिली थी।

केरल पुलिस पर भी गंभीर आरोप

संदीप का आरोप है कि उनके भाई ने सुसाइड नहीं किया है। बल्कि, उनकी हत्या की गई है। आर्मी में ही तैनात दो अफसरों ने वारदात को अंजाम दिया है। संदीप कहते हैं कि उनकी बॉडी पर खून के धब्बे मिले हैं। इससे पता चलता है कि यह एक प्लान मर्डर है। संजीव के भाई ने बताया कि जब उन्हें इस घटना का पता चला और वह केरल गए तो वहां भी अफसरों ने पुलिस को पैसे खिला दिए और धारा-304 के मुकदमे को खत्म कर दिया गया। जब वहां इंसाफ नहीं मिला तो उन्होंने अब गौतमबुद्ध नगर डीएम का दरवाजा खटखटाया है। सुनील के दो छोटे बच्चे हैं। इस घटना के बाद पूरा परिवार सदमे में है।।

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