मुम्बई
ललित दव
कॉन्फडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया इनकम टैक्स की गत वर्ष बजट में लागू की गई धारा 43 बी(H) से देश भर में कई एमएसएमई मैं पंजीकृत व्यापार प्रभावित हुए हैं जिसमें खासकर कपड़ा कारोबार पिछले 1 1/2 माह से बुरी तरह से मुश्किलों का सामना कर रहा है रहा है। छोटे-छोटे व्यापारियों ने अपना कामकाज बंद कर आगे सीजन में काम नहीं होने, रिटर्न गुड्स आदि को लेकर काफी चिंताएं एवं मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। इन सब समस्याओं को ध्यान करते हुए कैट के टेक्सटाइल एवं गारमेंट्स कमेटी के राष्ट्रीय चेयरमैन चंपालाल बोथरा ने भारत के सभी कपड़ा एसोसिएशन से बातचीत कर कैट द्वारा अलग-अलग मंत्रालयों के मंत्री, चेयरमैन एवं सेक्रेटरी आदि से संपर्क कर इस विषय से अवगत कराया है एवं कैट के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीण खंडेलवाल जी ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए देश भर के व्यापारियों को राहत दिलाने के लिए आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी है।
साथ ही कैट ने 2 फरवरी 2024 को पुनः पत्र भेजकर भारत सरकार के वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण जी और एमएसएमई के मंत्री नारायण राणे जी से मांग की है कि बजट भाषण में एमएसएमई के मुद्दे पर व्यापारियों को कोई राहत नहीं मिली है। अतः आप 1 साल तक राहत दे ताकि अच्छे से चर्चा विचारणा कर व्यापारियों के हितार्थ कानून बनाया जा सके।
भारत सरकार के वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल जी एवं एमएसएमई के मंत्री श्री नारायण राणे जी से मिलने का समय मांगा गया है। शीघ्र ही देश भर के कपड़ा व्यापारियों को 43 B(H) के भ्रम व खुलासा लेकर इसमें राहत दिलाने का कार्य किया जाएगा।
कैट द्वारा इस विषय पर निम्न विभागों को पत्र भेजें हैं ।
वित्त मंत्रालय को पत्र -20 जनवरी 2024
कपड़ा मंत्रालय को पत्र एमएसएमई को पत्र -20 जनवरी 2024
एमएसएमई मंत्रालय को पत्र -20 जनवरी 2024
अध्यक्ष सीबीडीटी को पत्र -20 जनवरी 2024
एमएसएमई सेक्रेटरी को पत्र -20 जनवरी 2024
वित्त मंत्रालय के रेवेन्यू सेक्रेटरी को पत्र -20 जनवरी 2024
वित्त मंत्रालय को पत्र - 2 फरवरी 2024
एमएसएमई मंत्रालय को पत्र - 2 फरवरी 2024
कैट के मुंबई के महामंत्री एवं कपड़ा कारोबारी शिव कनोडिया ने बताया उपरोक्त कार्रवाई के साथ कैट शीघ्र ही देश भर के इस धारा से प्रभावित सभी संगठनों को साथ लेकर व्यापारियों की समस्या का समाधान लाने के लिए प्रयास करेगा ।