AAP ने किया वन नेशन, वन इलेक्शन का विरोध, कहा- संसदीय लोकतंत्र के विचार को नुकसान पहुंचाएगा

A G SHAH . Editor in Chief
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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने एक देश एक चुनाव का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने इस मुद्देको लेकर उच्च स्तरीय समिति को अपनी सिफारिश भेजी हैं। पार्टी के महासचिव पंकज गुप्ता ने उच्च स्तरीय समिति के सचिव नितेन चंद्र को 13 पेज का सिफारिश लेटर लिखा है। आप ने पत्र के माध्यम से एक देश एक चुनाव का विरोध किया है। कहा कि एक साथ चुनाव संसदीय लोकतंत्र के विचार को नुकसान पहुंचाएंगे। यह दल-बदल और खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देगा।

वार्षिक बजट का 0.1 प्रतिशत

आप ने कहा कि संकीर्ण वित्तीय लाभ और प्रशासनिक सुविधा के लिए संविधान और लोकतंत्र के सिद्धांतों का बलिदान नहीं किया जा सकता है। पार्टी ने कहा, 'एक साथ इलेक्शन कराने से जो लागत बचाने की कोशिश की जा रही है। वह भारत सरकार के सालाना बजट का 0.1 प्रतिशत है।'

राष्ट्रीय एजेंडे के लिए खतरा

उन्होंने कहा कि वन नेशन, वन इलेक्शन से भारतीय बहुदलीय प्रणाली पर हानिकारक प्रभाव पड़ेगा। कई राजनीतिक दल उन लोगों के आवाज का प्रतिनिधित्व करने के लिए उभरी हैं, जो हाशिए पर थे। आप का मानना है कि ओएनओई राष्ट्रीय एजेंडे के लिए खतरा है। संघ स्तर पर शासन करने वाली पार्टी को क्षेत्रीय दलों और राज्यों में केंद्र- सत्तारूढ़ पार्टी से लड़ने वाले अन्य दलों पर अनुचित लाभ मिलता है।

पत्र में आगे लिखा है कि मतदाता विधानसभा चुनाव में उसी पार्टी को वोट देते हैं। जिसके लिए उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान वोट दिया था। इससे राष्ट्रीय पार्टियों को अनुचित लाभ मिलता है। प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों को भी इससे फायदा होगा, जबकि छोटे क्षेत्रीय दलों को खामियाजा भुगतना पड़ेगा। 

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