यदुनाथ यादव" हत्याकांड के दोषियों को जज अंकुर शर्मा की कोर्ट ने सुनाई उम्र-कैद की सजा,कोर्ट ने ठोंका 40- 40 हजार रुपये का अर्थदंड

A G SHAH . Editor in Chief
0


पुरानी रंजिश को लेकर यदुनाथ यादव की हत्या की वारदात को करीब तैंतालिस वर्ष पहले दिया गया था अंजाम,मृतक यदुनाथ की शरीर मे आई थी करीब डेढ़ दर्जन गम्भीर चोंटे,लम्बे समय तक चले ट्रायल के दौरान दो आरोपियो की हो गई मौत,मात्र दोषी दलसिंगार सिंह व शिव प्रसाद को मिल सकी करनी की सजा

जिम्मेदार कर्मियों व अफसरों की लचर कार्यशैली के चलते कोर्ट कार्यवाही का सामना करने से कई वर्षों तक बचा रहा आरोपी पक्ष,घटना के करीब 24 साल बाद पत्रावली हो सकी सेशन कोर्ट के सुपुर्द,लम्बे समय बाद शुरू हुआ केस का ट्रायल

अभियोजन पक्ष के आरोप के मुताबिक जिला न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट स्तर तक भी कई स्टेज पर आरोपी पक्ष ने कार्यवाहियों की आड़ में मामले को लंबित रखने का किया भरपूर प्रयास,फिलहाल अंधूरी रह गई उनकी मुराद और पहुँच गये सलाखों के पीछे

रिपोर्ट-राजेश कुमार यादव

सुलतानपुर

 तैंतालिस वर्ष पूर्व पुरानी रंजिश को लेकर धारदार हथियार से हुई हत्या के मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चतुर्थ अंकुर शर्मा की अदालत ने दोषी ठहराए गये दो दोषियों की सजा की बिंदु पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुनाया। अदालत ने दोनों दोषियों को उम्र-कैद एवं 40 -40 हजार रुपये अर्थदण्ड की सजा सुनाई है। अदालत के इस फैसले से अत्यंत पुराने गंभीर मामले में पीड़ित परिवार को लम्बे समय बाद न्याय मिल पाया और दोषियों को उनकी करनी की सजा मिल पाई।

मामला तत्कालीन थाना कुड़वार एवं वर्तमान कोतवाली नगर क्षेत्र स्थित इमलिया कला गांव से जुड़ा है। जहां के रहने वाले अभियोगी समर बहादुर यादव के मुताबिक उनके परिवार एवं आरोपीगण दलसिंगार सिंह पक्ष के बीच मुकदमेबाजी को लेकर काफी समय से रंजिश चली आ रही थी। इसी रंजिश के परिणाम स्वरूप 21 मार्च 1980 को उनके पिता यदुनाथ यादव जब गांव के शारदा कोटेदार के यहां राशन लेने गए थे, इसी दौरान आरोपी दलसिंगार सिंह,घुरहू व लालतू ने उनके पिता को घेर लिया था, फिलहाल उस समय आरोपीगण अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हुए और वह किसी तरीके से भाग कर अपने घर चले आए। इसके बाद अभियोगी के पिता सुबह करीब साढ़े 10 बजे जब खलिहान की तरफ जा रहे थे ,तभी गांव निवासी परमेश्वर पाल के खेत के पास आरोपीगण दलसिंगार सिंह, अंबिका प्रसाद, गया प्रसाद व शिवप्रसाद ने धारदार हथियारों से लैस होकर जान से मार डालने की नीयत से उनके मुंह पर एवं शरीर के अन्य अंगों पर बल्लम व फरसा आदि से हमला कर दिया, जिससे गंभीर रूप से घायल होकर यदुनाथ यादव वहीं पर गिर पड़े, जिनके चिल्लाने की आवाज सुनकर काफी लोग पहुंच गए तो मुल्जिमान वहां से भाग खड़े हुए। हमले में यदुनाथ यादव को करीब डेढ़ दर्जन गम्भीर चोंटे आई थी। हमले में गंभीर रूप से घायल यदुनाथ यादव को अस्पताल ले जाया गया,जहां पर उनकी मौत हो गई। इस मामले में अभियोगी समर बहादुर यादव की तहरीर पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ और हत्या सहित अन्य धाराओं में आरोपीगण दालसिंगार सिंह, शिवप्रसाद, अंबिका प्रसाद व गयाप्रसाद के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल हुआ। मिली जानकारी के मुताबिक दोनों पक्षो के परिवार में लंबे समय तक प्रधानी बरकरार रही और उनका दबदबा कायम रहा। मामले में आरोपी पक्ष का प्रभाव इतना रहा एवं जिम्मेदार मशीनरी की लापरवाही इतनी रही कि मुकदमे से सम्बंधित पत्रावली घटना के करीब 24 साल बाद सेशन कोर्ट के सुपुर्द हो सकी,जिसके पश्चात आरोपियों के खिलाफ चार्ज बन सका और तब अभियोजन पक्ष की गवाही शुरू हो पाई। इस दौरान भी आरोपी पक्ष ने किसी न किसी बहाने मुकदमे को जमकर लंबित करने का प्रयास किया और कई वर्षों तक यह कार्रवाई चलती रही। काफी लंबे समय बाद अभियोजन पक्ष का साक्ष्य पूर्ण हुआ और बचाव पक्ष के जरिए सफाई साक्ष्य पेश करने की बारी आई,जिसके बाद आरोपी पक्ष ने बचाव पक्ष का साक्ष्य पेश करने की आड़ में भी पत्रावली को लंबित रखने का भरसक प्रयास किया। यही नहीं अभियोजन पक्ष के आरोप के मुताबिक आरोपी पक्ष ने जिला न्यायालय से लेकर हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट तक भी जाकर मामले को हर स्तर पर लटकाने का प्रयास किया। फिलहाल लंबे समय के बाद अपर सत्र न्यायाधीश अंकुर शर्मा की सक्रियता एवं अभियोजन की पैरवी से मामले का विचारण पूर्ण हुआ। इतने लंबे अंतराल के बाद पूर्ण हुए ट्रायल के दौरान आरोपी अंबिका प्रसाद व गयाप्रसाद की मृत्यु भी हो गयी। मामले में अभियोजन पक्ष से शासकीय अधिवक्ता विजय शंकर शुक्ला एवं अभियोगी के निजी अधिवक्ता अच्छेराम यादव ने पैरवी की और जीवित आरोपियो को दोषी ठहराकर कड़ी सजा से दण्डित किये जाने की मांग की। वहीं बचाव पक्ष ने स्वयं को बेकसूर बताते हुए अपना पक्ष रखा। उभय पक्षो को सुनने के पश्चात अपर सत्र न्यायाधीश अंकुर शर्मा ने बीते बुधवार को मामले में अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी दालसिंगार सिंह व शिव प्रसाद को यदुनाथ यादव की हत्या सहित अन्य आरोपों में दोषी करार दिया, जिनकी सजा के बिंदु पर अदालत  ने गुरुवार को सुनवाई की। अदालत ने दोनों दोषी को लेकर उम्र-कैद एवं 40 -40 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अदालत ने अर्थदंड की धनराशि में से 50 हजार रुपये पीड़ित पक्ष को देने का भी आदेश पारित किया है।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top