रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
गाजियाबाद : 30 साल पहले मर चुके व्यक्ति के नाम पर कुछ लोगों ने बैंक से लोन लेने का प्रयास किया है। कागजों की जांच और वेरिफिकेशन होने पर मामला खुल गया। कंपनी की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। फाइनेंस कंपनी ने बहाने से बुलाकर उसे कविनगर पुलिस को सौंप दिया।
यह है पूरा मामला
कविनगर के संजय नगर सेक्टर-23 में जलज कुमार का वी. फाइनेंस कंपनी के नाम से कार्यालय है। कुछ दिन पूर्व उनके पास एक व्यक्ति आया था। उसने अपना नाम नंदन सिंह निवासी राजनगर सेक्टर-14 बताया और प्राइवेट फंडिंग के रूप में साढ़े तीन करोड़ का लोन लेने के लिए आवेदन किया। उसने फाइनेंस में नंदन सिंह का आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक इस्टमेंट, संपत्ति के दस्तावेज और फोटो लगाए थे। उसने राजनगर सेक्टर-14 में कोठी संख्या-82 को अपना बताया था। जलज कुमार के मुताबिक, कंपनी टीम राजनगर सेक्टर-14 स्थित कोठी पर वेरिफिकेशन करने पहुंची तो वहां कविता नाम की महिला मिली। लोन के आवेदन के बारे में बताने पर उन्होंने बताया कि नंदन सिंह उनके ससुर थे। उनका देहांत वर्ष-1993 में हो चुका है।
बनाए गए फर्जी दस्तावेज
कंपनी द्वारा वेरिफिकेशन और दस्तावेज की जांच करने पर पता चला कि नंदन सिंह के नाम पर बनाए गए सभी दस्तावेज फर्जी हैं। मृत्यु प्रमाण पत्र तथा अन्य दस्तावेज देखने पर फाइनेंस कंपनी के कर्मचारियों के भी होश उड़ गए। फर्जीवाड़े का पर्दाफाश होने पर नंदन के परिजन और फाइनेंस कंपनी वालों ने लोन के बहाने उक्त व्यक्ति को बुलाया और कविनगर पुलिस को सौंप दिया।
क्या कहती है पुलिस
एसीपी कविनगर अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी राकेश सहगल सिविल विंग तीस हजारी दिल्ली का रहने वाला है। वह काफी समय से नंदन सिंह के परिवार के संपर्क में था। इसका फायदा उठाकर उसने नंदन सिंह और उनकी कोठी के फर्जी दस्तावेज तैयार कर लोन के लिए आवेदन किया था ।।