सीजेएम की न्यायिक जांच में जेल प्रशासन मिला बंदियों की हत्या का जिम्मेदार,अग्रिम कार्यवाही को लेकर मानवाधिकार आयोग (ला डिविजन) एवं डीएम को रिपोर्ट प्रेषित,जल्द जिम्मेदार कर्मियों के खिलाफ कार्यवाही आ सकती है सामने

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रिपोर्ट-राजेश कुमार  यादव

सुलतानपुर/लखनऊ। जिला कारागार में बीते जून माह में जेल में बंद दो विचाराधीन कैदियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले में मजिस्ट्रेटियल जांच की रिपोर्ट सामने आ गई है। जांच अधिकारी तत्कालीन सीजेएम सपना त्रिपाठी ने जांच रिपोर्ट में आत्महत्या के बजाय हत्या बताया है और जेल प्रशासन को ही जिम्मेदार ठहराया है,पूरी जांच में जेल प्रशासन की भूमिका चौकाने वाली है। फिलहाल न्यायिक अधिकारी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्यवाही को लेकर मानवाधिकार आयोग (ला डिवीजन) एवं डीएम सुलतानपुर को जांच रिपोर्ट की प्रति प्रेषित कर दी है। जेल प्रशासन के कारनामे से जुड़ी न्यायिक जांच रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सरकारी अमले में हड़कंप मचा हुआ है।

दरअसल ये मामला बीते 21 जून का है,जो कि जिला कारागार सुलतानपुर से जुड़ा है। मालूम हो कि बीते 30 मई को अमेठी जिले के जामो थानाक्षेत्र के लोरिकपुर गांव  के रहने वाले करिया उर्फ विजय पासी और मज्जू रैदास उर्फ मनोज को हत्या के केस में गिरफ्तार कर जेल भेजने की कार्यवाही की गई थी। दोनो बंदियों पर आरोप था कि मुर्गी फार्म पर सोते हुए इन दोनो ने मिलकर ओम प्रकाश यादव की हत्या कर दी थी। इसी मामले में इन दोनो को जेल भेज दिया गया था। दोनो आरोपी अमहट स्थित जिला जेल में बंद थे। बीते 21 जून की सुबह जेल प्रशासन ने जिला प्रशासन को सूचना दी थी कि जेल के अंदर और बैरक के बाहर इन दोनो का शव एक पेड़ पर लटक रहा है। इस सूचना के बाद ही जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन-फानन विजय पासी और मनोज रैदास को अस्पताल भिजवाया गया जहां डाक्टरों ने दोनो को मृत घोषित कर दिया। उस समय जेल प्रशासन बोलने को तैयार नहीं हुआ, वही जिला प्रशासन भी जांच की बात कह रहा था। बहरहाल घटना की गंभीरता को देखते हुए मामले में न्यायिक जांच के आदेश दे दिए गए थे। जिसकी जांच तत्कालीन सीजेएम सपना त्रिपाठी को सौंपी गई थी। बीते दो दिसंबर को सीजेएम के जरिये जांच पूरी कर जिला जज को रिपोर्ट सौंपी गई,वह रिपोर्ट अब सामने आई है जो चौकाने वाली है। रिपोर्ट में साफ-साफ बताया गया है कि दोनों की मौत आत्महत्या से नही बल्कि हत्या से हुई है, दोनो के शरीर पर चोट के कई निशान थे। बहरहाल न्यायिक जांच में जेल प्रशासन को पूरी तरह जिम्मेदार ठहराया गया है और पूरी जांच में जेल प्रशासन की कई कमियां उजागर हुई है। मामले में जल्द दोषी कर्मियों पर कड़ी कार्यवाही होने एवं बड़ा एक्शन लिए जाने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है।


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