रिपोर्ट राजेश कुमार यादव *लखनऊ
काफी समय से एक ही थाने में एक ही हलके के रह चुके हैं हल्का इंचार्ज सही और गलत से नहीं है इनका कोई वास्ता
जी हम बात कर रहे हैं देवरिया जनपद के गौरी बाजार थाने के हल्का नंबर एक के दरोगा जो दो लोगों की जमीनी विवाद में एक पक्ष ने दूसरे पक्ष की जमकर पिटाई कर दी वही गांव के रहने के नाते पत्रकार ने पीड़ित व्यक्ति को मदद के लिए 108 एंबुलेंस से अस्पताल भिजवाया और घटना की सूचना पुलिस को दी जिस पर पुलिस ने पीड़ित की तहरीर पर दूसरे पक्ष के लोगों पर मारपीट और बलवा का मुकदमा दर्ज कर लिया वहीं मुकदमा दर्ज होने के दो-तीन दिन बाद फर्जी मेडिकल के आधार पर पीड़ित की मदद करने वाले पत्रकार पर ही गौरी बाजार थाने के हल्का नंबर एक के इंचार्ज में मुकदमा लिख दिया जो बिल्कुल झूठ और बे बुनियाद है। अगर उस हल्का दरोगा की बात करें तो काफी समय से वह एक ही थाने पर जमे हुए हैं। बताया यह भी जाता है की सही को गलत और गलत को सही बनाना उस दरोगा के बाएं हाथ का खेल है और इसमें सहयोगी बने हैं काफी दिनों से जमे हुए पुलिसकर्मी ।जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री लगातार अपराधियों पर अंकुश लगाने की बात कर रहे हैं और और जिले के कप्तान महोदय ने भी अपराधियों पर अभियान चलाकर कार्रवाई कर रहे हैं।लेकिन इस मामले में जो दूसरा पक्ष है वह पूर्व में थाने का गैंगस्टर जिला बदर भी रह चुका है और वर्तमान में सरकारी अध्यापक है लेकिन उसका नाम आज तक गौरी बाजार के हल्का नंबर एक के दरोगा कभी संज्ञान में नहीं ले आए, तो इससे ही पता चलता है कि की गौरी बाजार की हल्का नंबर एक के इंचार्ज और हल्का की बीट पुलिस और अपराधियों में कितना अच्छा मधुर संबंध है, सूत्रों के द्वारा यह भी पता चला है कि यह मुकदमा लिखवाने के लिए अच्छी खासी आव भगत भी हल्का इंचार्ज वह बिट पुलिस अधिकारी को लोगों ने किया है। जिसके एवज में इन्होंने पत्रकार पर मुकदमा लिखकर उसका भरपाई कर दिया है।