रिपोर्ट राजेश कुमार यादव
नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित इजरायल दूतावास के पास हुए विस्फोट मामले की जांच बड़े स्तर पर चल रही है. हालांकि अभी तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. लेकिन एक संदिग्ध की तलाश में पुलिस जुटी हुई है, जो कि जामिया नगर मेट्रो स्टेशन से एक ऑटोरिक्शा में चढ़ा था और उसे ठीक से हिंदी भी बोलनी नहीं आती है. लेकिन वह अभी भी अज्ञात है. इजरायल द्वारा संभावित आतंकवादी हमला करार दिए जाने के बाद और विस्फोट होने के 72 घंटे बाद भी दिल्ली पुलिस ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं की है. दूतावास के पास ब्लास्ट होने के बाद इजरायल ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी भी जारी की है.
रिपोर्ट के मुताबिक आरोपियों की तलाश में पुलिस ने शुरुआत में 12 लोगों से पूछताछ की थी. एक पुलिस सूत्र ने कहा, “इलाके में सीसीटीवी से फुटेज स्कैन करने के बाद, पुलिस को पता चला कि विस्फोट से पहले के घंटों में एक दर्जन लोग घटनास्थल से गुजरे थे और फिर उन सभी का पता लगाने की कोशिश शुरू हुई.” सूत्र ने कहा, ‘इसमें घटनास्थल पर काम कर रहे सिविल विभाग के मजदूर, एक कुली और एक कपल शामिल था, जिनमें से सभी से पूछताछ की गई और अंततः उन्हें क्लीन चिट दे दी गई. इसके बाद पुलिस ने दोपहर करीब 2.30 बजे एक ऑटोरिक्शा से बाहर आते हुए एक व्यक्ति पर ध्यान केंद्रित किया.’
पुलिस ने ऑटो चालक को ट्रैक किया, जिसने उन्हें बताया कि जब वह जामिया नगर मेट्रो स्टेशन के बाहर इंतजार कर रहा था तो वह आदमी उसके पास आया था, और उसने 150 रुपये में सौदा किया. ड्राइवर के अनुसार, वह आदमी ठीक से हिंदी बोलने में सक्षम नहीं था, और उसने ड्राइवर से उसे पृथ्वीराज रोड पर छोड़ने के लिए कहा था. सूत्र ने कहा, ‘पुलिस ने पाया कि वह आदमी उतरने के तीन-चार मिनट के भीतर दूसरे ऑटो में बैठ गया और कर्तव्य पथ के लिए निकल गया.’ सूत्र ने कहा, ‘पुलिस जामिया नगर में तलाशी ले रही है, सीसीटीवी स्कैन कर रही है और संदिग्ध के बारे में सुराग के लिए स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही है. जांच के दौरान ही पता चला कि जामिया नगर मेट्रो स्टेशन के बाहर तीन सीसीटीवी कैमरे काम नहीं कर रहे थे.’
सूत्रों के अनुसार, जबकि दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) से क्राइम सीन का दौरा करने के लिए औपचारिक अनुरोध नहीं किया था, बाद में “पुलिस आयुक्त से मंजूरी लेने के बाद, इंटेलिजेंस ब्यूरो की मांग पर गया”. सूत्रों ने यह भी कहा कि जब एनएसजी पहली बार घटनास्थल पर आई, तो दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने पूछा कि उन्हें किसने बुलाया था. जनवरी 2021 में, आखिरी बार जब इजरायल दूतावास के बाहर एक देशी बम विस्फोट हुआ था, तो दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे के भीतर प्राथमिकी दर्ज की थी और पांच दिनों के भीतर जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी को स्थानांतरित कर दी थी.