संस्था 60 स्टूडेंट को एडमिशन देने से पहले औपचारिकताएं पूरी करने में विफल रही': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूनिवर्सिटी पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

A G SHAH
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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

प्रयागराज

 इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आवश्यकतानुसार औपचारिकताएं पूरी किए बिना अतिरिक्त अनुभाग में 60 स्टूडेंट को एडमिशन देने के लिए सी/एम श्रीमती विमला देवी महाविद्यालय भमई (C/M Smt. Vimala Devi Mahavidyalay Bhamai) पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। 

जस्टिस पीयूष अग्रवाल की पीठ ने यह टिप्पणी की,

 “प्रतिवादी नंबर 2 के अंतिम निर्देश के बाद से पता चलता है कि अतिरिक्त अनुभाग में 60 स्टूडेंट का एडमिशन लेने से पहले याचिकाकर्ता-संस्थान द्वारा कुछ औपचारिकताएं पूरी नहीं की गई, याचिकाकर्ता को 19.12.2023 को या उससे पहले इस न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल के पास 2 लाख रुपये की राशि जमा करनी होगी। इसके अलावा, याचिकाकर्ता को रसीद सहित 2 लाख रुपये 20.12.2023 तक जमा करने होंगे और जमा राशि के साथ इस आदेश की प्रति भी जिला मजिस्ट्रेट, प्रयागराज के समक्ष जमा करनी होगी।'

 याचिकाकर्ता-संस्थान स्टेट यूनिवर्सिटी से संबद्ध है और दिनांक 11.08.2022 के आदेश द्वारा 40 सीटें बढ़ाई गईं, जो 160 सीटें (दो खंडों में) होती हैं। इसके बाद याचिकाकर्ता ने एडिशन सेक्शन के लिए आवेदन दिया, जिसे अनुमति दे दी गई और 60 और स्टूडेंट के लिए सीट भी बढ़ा दी गई। अतिरिक्त अनुभाग में 60 स्टूडेंट हैं तथा आदेश दिनांक 19.09.2023 के अनुसार 60 स्टूडेंट + 160 छात्र दिनांक 11.08.2022 के आदेश के अनुसार 220 स्टूडेंट आते हैं, परन्तु दिनांक 19.09.2023 के आदेश पारित करते समय अतिरिक्त सीट, जिसकी अनुमति दी गई। आदेश दिनांक 11.08.2022 का ध्यान नहीं रखा गया।

उपरोक्त दो आदेशों के बाद याचिकाकर्ता ने स्टूडेंट के एडमिशन के लिए अपनी प्रक्रिया पूरी कर ली और प्रतिवादी को सभी देय शुल्क और औपचारिकताएं जमा कर दीं, लेकिन आज तक कोई आदेश पारित नहीं किया गया है, न ही 40 स्टूडेंट के रजिस्ट्रेशन के लिए कोई आदेश पारित किया गया। उन्होंने आगे कहा कि बी.एससी. की परीक्षा (बायो ग्रुप) 15.12.2023 को शुरू होने जा रही है। स्टूडेंट को बिना किसी गलती के उत्तरदाताओं की निष्क्रियता का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

प्रतिवादी के वकील ने निर्देश के लिए समय मांगा और यह भी कहा कि 40 स्टूडेंट के लिए पूरक परीक्षा ली जा सकती है।

शुक्रवार को जब मामले की सुनवाई हुई तो अदालत को सूचित किया गया कि संबंधित क्लर्क की लापरवाही और तकनीकी गड़बड़ी के कारण अतिरिक्त अनुभाग में 60 स्टूडेंट में से केवल 20 को अपनी फीस जमा करने की अनुमति दी गई और अन्य औपचारिकताएं पूरी करें। 

प्रतिवादी के वकील अदालत के इस प्रश्न का उत्तर देने में विफल रहे कि उत्तरदाताओं की ओर से कार्रवाई या निष्क्रियता के कारण शेष 40 स्टूडेंट क्यों पीड़ित होंगे।

कोर्ट ने कहा,

 "चूंकि प्रत्येक सेमेस्टर/एग्जाम स्टूडेंट के भविष्य के करियर के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए उन्हें केवल प्रतिवादी या कॉलेज की गलती के कारण पीड़ित नहीं होना चाहिए, जैसा कि 16.12.2023 के अंतिम निर्देशों में दर्शाया गया है। प्रतिवादी को अतिरिक्त अनुभाग के शेष 40 स्टूडेंट को परीक्षा में भाग लेने की अनुमति देने का निर्देश दिया। 

औपचारिकताओं को पूरा किए बिना स्टूडेंट को एडमिशन देने के लिए याचिकाकर्ता पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाते हुए अदालत ने निर्देश दिया कि यदि याचिकाकर्ता राशि जमा करने में विफल रहता है तो जिला मजिस्ट्रेट, प्रयागराज द्वारा इसकी वसूली की जाएगी। 

मामले को 23 जनवरी, 2023 को सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया। 

केस टाइटल: सी/एम विमला देवी महाविद्यालय भमई बनाम उत्तर प्रदेश राज्य और अन्य [रिट - सी नंबर - 43297/2023]


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