रिपोर्ट राजेश कुमार यादव यूपी हेड sctv news
लखनऊ
यूपी के देवरिया जिले के बरहज तहसील में एक मामला प्रकाश में आया है की पैमाईश और पत्थर नसब के आदेश हुए करीब 11 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक पैमाईश और पत्थर नसब नहीं हो सका है यहीं नही कानून गो और हल्का लेखपाल जिले के आला अधिकारियों के आदेश का
ठेंगा दिखाने से भी बाज नही आ रहे है और झूठा रिपोर्ट लगाने से भी बाज़ नही आ रहे है सूत्रों की माने तो हल्का लेखपाल और कानून गो कीसी पैसे वाले से मिलकर जमीन को हड़पने के चक्कर में पड़ चुके है पिता की मौत के बाद तहसील बरहज के ग्राम लवरछी निवासी सतुरध न पूत्र बिरधी भगत के मौजा हरनौठा में अराजी नंबर7 के वावत दिनांक 30/5/2012 को पत्थर नसब का आदेश होने के बाद अगल बगल के कस्त कारो के जोर जबरदस्ती व दबंगई के चलते आज 11 वर्ष बीत जाने के बाद भी मौके पर आदेश दिनांक 30/5/2012 के अनुपालन में पैमाईश और पत्थर नसब नहीं हो सका है । इस संबध में बार बार प्रार्थना पत्र देने के बाद भी कानूनगो व हल्का लेखपाल पत्थर नसब करने से इंकार कर रहे है जिससे यह लग रहा है कि हल्का लेखपाल व कानूनगो अगल बगल के कस्त कारो व दबंगों के प्रभाव में है l उक्त अरोप ल गाते हुए सतुर्धन सम्पूर्ण समाधान दिवस पर डीएम को दिए गए प्रार्थना पत्र में गुहार लगाई है कि मौजा हरनोठा में स्थित आराजी नम्बर 7/रकबा 0.648 के वावत आदेश दिनांक 30/5/2012 के अनुपालन में मौके पर टीम गठित कर हल्का लेखपाल और कानून गो पैमाईश और पत्थर हेतु आदेश देने की मांग किया है जिस पर डीएम ने एसडीएम बरहज को पैमाईश और पत्थर नसब कराने का आदेश दिया है
अब देखना यह है कि पिता की मौत के बाद भी एसडीएम बरहज 11 वर्ष बीत जाने के बाद भी पैमाईश और पत्थर नसब करा पाते हैं कि नहीं या कानूनगो और हल्का लेखपाल के झासे मे आकर दबंगों की मदद करते हैं या 11 साल बाद भी लवारछी निवासी सतुरधन कुशवाहा को पिता की मौत के बाद भी न्याय मिल पाता है कि नहीं l