बुधवार को होगी शी जिनपिंग और जो बाइडेन की ऐतिहासिक बैठक, ट्रेड और ताइवान पर सुलझेगा विवाद? पूरी दुनिया की नजर

A G SHAH
0


रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

कैलिफोर्निया l  बाइडेन प्रशासन के अधिकारियों ने कहा है, कि राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग बुधवार को कैलिफोर्निया में व्यापार, ताइवान और खराब अमेरिकी-चीनी संबंधों के मैनेजमेंट पर बातचीत करने के लिए बैठक करेंगे। जो बाइडेन और शी जिनपिंग की मुलाकात करीब सवा सालों के बाद हो रही है, पिछली बार दोनों नेताओं की मुलाकात इंडोनेशिया के बाली में हुए जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी।

व्हाइट हाउस ने हफ्तों से कहा है, कि उसे उम्मीद थी कि सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर (APEC) सम्मेलन के मौके पर बाइडेन और शी जिनपिंग की मुलाकात होगी। ये कार्यक्रम शनिवार से शुरू हो रहा है, जिसमें शिरकत करने के लिए शी जिनपिंग, अमेरिका का दौरा करेंगे।

व्हाइट हाउस के अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर पत्रकारों से शुक्रवार को कहा, कि दोनों नेता सैन फ्रांसिस्को खाड़ी क्षेत्र में मिलेंगे, हालांकि उन्होंने सुरक्षा चिंताओं की वजह से ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया। शिखर सम्मेलन के दौरान हजारों प्रदर्शनकारियों के सैन फ्रांसिस्को में आने की उम्मीद है।

हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है, कि इस बात की उम्मीद काफी कम है, कि इस मुलाकात के दौरान कोई बड़ी घोषणाएं हो सकती हैं, हालांकि दोनों देशों के बीच जो तनाव है, उसके कम होने की निश्चित तौर पर उम्मीद की जा सकती है।

अमेरिका-चीन.. तनाव वाले मुद्दों का अंबार

व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने कहा, कि "बैठक के दौरान जो बाइडेन दोनों देशों के बीच के तनाव को कम करने, प्रतिस्पर्धा को मैनेज करने और संघर्ष को बढ़ाने वाले जोखिमों को रोकने के साथ साथ कम्युनिकेशन चैनलों खोलने" की दिशा में महत्वपूर्ण बातचीत कर सकते हैं।

बाइडेन के एजेंडे में कठिन मुद्दों की कोई कमी नहीं है। पहले से ही जटिल अमेरिका-चीन संबंधों में मतभेद पिछले वर्ष में और बढ़ गए हैं।

चीन चाहता है, कि अमेरिका एडवांस टेक्नोलॉजी पर नियंत्रण को खत्म करे। दूसरी तरफ, अमेरिका में चीन के जासूसी गुब्बारे पहुंचने का मुद्दा भी दोनों देशों के बीच तनाव के पीछे की अहम वजह है, जिसे बाइडेन के आदेश के बाद अमेरिका ने मार गिराया था।

वहीं, इस साल ताइवान की राष्ट्रपित त्साई इंग-वेन ने अमेरिका का दौरा किया था, जिसको लेकर चीन अभी भी आग बबूला है और माना जा रहा है, कि चीनी राष्ट्रपति इस मुद्दे को बाइडेन के सामने उठा सकते हैं।

इसके अलावा, उत्तर कोरिया, जो लगातार मिसाइलों का प्रक्षेपण करता रहता है और जिसे चीन और रूस बार बार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बचाते रहते हैं, उसका मुद्दा भी बाइडेन और शी जिनपिंग के सामने टेबल पर होगा। बाइडेन संभवतः उत्तर कोरिया पर चीन के प्रभाव का उपयोग करने के लिए शी जिनपिंग पर दबाव डालेंगे।

इसके अलावा, बाइडेन प्रशासन ये भी चाहेगा, कि चीन अपनी डिप्लोमेटिक शक्ति का इस्तेमाल ईरान के ऊपर प्रेशर बनाने के लिए करे, ताकि इजराइल और हमास के बीच चल रहे युद्ध का विस्तार ना हो।

बाइडेन और शी जिनपिंग की आखिरी मुलाकात लगभग एक साल पहले इंडोनेशिया के बाली में ग्रुप 20 शिखर सम्मेलन के मौके पर हुई थी। लगभग तीन घंटे की बैठक में, बाइडेन ने ताइवान के प्रति चीन की "जबरदस्ती और बढ़ती आक्रामक कार्रवाइयों" पर सीधे आपत्ति जताई थी और रूस के यूक्रेन पर आक्रमण और अन्य मुद्दों पर चर्चा की थी।

अगले सप्ताह की बैठक तब हो रही है, जब संयुक्त राज्य अमेरिका, अमेरिका-चीन संबंधों के लिए संभावित रूप से उतार-चढ़ाव वाले वर्ष की तैयारी कर रहा है। ताइवान में अगले साल जनवरी में राष्ट्रपति चुनाव होना है और अमेरिका में अगले नवंबर में राष्ट्रपति चुनाव होना है। लिहाजा, चीन चाहेगा, कि ताइवान को अमेरिका अकेला छोड़े, लेकिन ये मुद्दा ऐसा है, जिसपर सहमति बनना लगभग नामुमकिन है।

 

Tags

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Please Select Embedded Mode To show the Comment System.*

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top