राजेश कुमार यादव की रिपोर्ट
भोपाल।
गरीब होने की सबसे बड़ी सजा स्वास्थ्य विभाग गंभीर मरीजों को लाइन में लगवा कर देता है भोपाल मध्य प्रदेश की राजधानी के जितने भी सरकारी अस्पताल है हमारे शासकीय कर्मचारी 50% समय से अच्छा कार्य करते हैं जितने भी सीनियर अच्छे डॉक्टर जिसे हम भगवान का रूप मानते हैं उन लोगों की मक्कारी लापरवाही आप संस्था के स्वास्थ्य विभाग के लगाए गए सीसीटीवी कैमरे में बहुत अच्छे से देखा जा सकता है कि प्रदेश की जनता के साथ किस प्रकार का घर अन्याय अपराध अत्याचार किसके माध्यम से किसके सहयोग से किसके इसारे पर किया जा रहा है
देश के महामहिम राष्ट्रपति महोदय एवं देश के प्रधानमंत्री महोदय केंद्र स्वास्थ्य मंत्री मध्य प्रदेश के राज्यपाल से भी दोनों हाथ जोड़कर एमपी प्रेस क्लब प्रार्थना करता है कि निष्पक्ष जाच हो ताकि दोषियों पर ही कार्यवाही हो बेगुनाह घर के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं होगा
अक्सर वरिष्ठ अधिकारी छोटे कर्मचारी के साथ अन्याय कर रहे हैं लेट सीनियर अधिकारी आते हैं छोटे को परेशान करते हैं और गरीब गंभीर मरीज जो खड़ा नहीं हो सकता है उन्हें जानबूझकर यहां वहां नचवाने का काम जांच के माध्यम से करते हैं और टोकन सिस्टम कहीं भी नहीं है ताकि लोग टोकन लेकर अपना इंतजार बैठकर अच्छे से कर सके नियम विरुद्ध कार्य करने वाले लोग तनक के नाम पर अपना टाइम पास कर रहे हैं कागजों में इनका काम बहुत अच्छे से चल रहा है हकीकत में लोग यहां जो आता है बाहर जाकर स्वास्थ्य विभाग को बहुत गंदी-गंदी गालियां देता है जिससे हमारा स्वास्थ्य विभाग बदनाम और खराब के नाम से पहचाना जाता है कि सरकारी कार्य की लापरवाही देखी नहीं जाती है कुल मिलाकर 20% लोग ही घोर लापरवाही कर रहे हैं जिसकी वजह से अच्छी प्रतिशत लोगों की जानबूझकर छवि खराब करने में लगे हुए हैं हमारे जिम्मेदार लोग पर शक्ति के साथ कार्रवाई होना चाहिए जो अपराध कर रहे हैं अन्य कर रहे हैं पक्षपात कर रहे हैं गरीब जनता को जानबूझकर इलाज के नाम पर यहां वहां जहाज के लिए भागते हैं लाइन में लगाते हैं इस पर भी सरकार को सुप्रीम कोर्ट को महामहिम राष्ट्रपति को केंद्र स्वास्थ्य मंत्री को प्रधानमंत्री को ध्यान देने की आवश्यकता है लापरवाही करने वालों को तत्काल भोपाल के जिला अस्पताल से हटवाना चाहिए 8 करोड़ जनता की मांग है लापरवाही सरकारी दफ्तर में बिल्कुल नहीं चलेगी देर से आना गोल मार देना या रवैया बहुत तेजी से चल रहा है शासकीय कार्यालय में ऐसा नहीं है की राजधानी के अंदर भरोदा ग्रामीण क्षेत्र में भी यही घोर लापरवाही देखी जा रही है कोई जिम्मेदारी कोई टारगेट जैसा आलम नहीं है लेते आना जल्दी भाग जाना 11:00 बजे के बाद भाग जाना मैरिज ना हो तो चले जाना यह लापरवाही देखी जा रही है शासकीय कर्मचारी हर कोई इस प्रकार की हरकत नहीं करता चंद्रलोक करते हैं उनको ही बढ़ावा दे रहे हैं
हमारे कितने प्रतिशत लगनशील कर्मचारी अधिकारी डॉक्टर समय पर आते हैं नहीं आते हैं षडयंत्र पूर्वक गंभीर गरीब मरीजों को लाइन में लगाना इन्होंने अपना नियम बना लिया है कि लेट आएंगे जरूर आएंगे जल्दी भाग जाएंगे कभी बीच में गोल मार देंगे 11:00 बजे के बाद गोल मार देंगे कुछ लोग 11:30 बजे तक आते हैं लगभग 50% सीनियर डॉक्टर लोग आते ही हैं या भी सीसीटीवी कैमरे में बहुत अच्छे से देखा जा सकता है की जो मरीज खड़ा नहीं हो सकता है चक्कर आ रहा है उसको भी यह लोग दंड देते हैं जानबूझकर की सरकारी अस्पतालों में यह ना आए और कैसे इन्हें परेशान करें ताकि जनता में सरकारी अस्पताल या दफ्तर अन्य जगह जनता में बहुत अच्छी रेपुटेशन नहीं है ऐसे जिम्मेदार व्यक्तियों को जिला अस्पताल भोपाल में बिट्ठल के रखा है जिससे कर्मचारी भी बहुत ज्यादा नाराज परेशान पीड़ित है जो 50% अच्छे कर्मचारी होते हैं उनकी छवि खराब हो रही है उसे समय पर आते हैं मगर उनका कोई वैल्यू नहीं है जो नहीं आ रहे हैं उनके यहां सम्मान होता है अंधा पीछे कुत्ता खाए सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों के लिए कोई नियम कानून नहीं है कि गरीब जनता के लिए सरकार का पैसा बर्बाद हो रहा है नौकरी करने वाले लोग घोर लापरवाही के वजह सेअच्छे कर्मचारियों का मनोबल टूट रहा है बदनामी हो रही है हमारे सरकारी अस्पतालों की ऐसे लोगों को हमने जिम्मेदार बनाकर लापरवाही करने वालों को बचाने के लिए सरकार को चूना लगाने व जनता के बीच में सरकारी अस्पतालों की छवि खराब करने वाले को सपोर्ट करने वाले घोर लापरवाही बरतने वाले लोगों को राजधानी में क्या मजबूरी है विट्ठल के रखा है और भी अच्छे कार्य करने वाले को पीछे कर लापरवाही करने वाले के प्रति ज्यादा प्रसन्न खुश रहते हैं जो सरकार की छवि खराब कर रहे हैं जिसमें स्वास्थ्य विभाग को ज्यादातर बदनाम करने वाले लोग भोपाल जिला मुख्यालय जयप्रकाश अस्पताल केसीसी टीवी कैमरे में बहुत अच्छे से देखा जा सकता है डॉक्टर लोग लेट आते हैं तो बहाना करते हैं कि राउंड पर चले गए हैं तो कभी कहते हैं ऑपरेशन थिएटर में गए होंगे मरीजों को देखने के लिए गए होंगे या टट्टी पेशाब जरूरी मीटिंग में चले गए होंगे ऐसा उनके दफ्तर के बाहर खड़े होने वाले को इन लोगों ने जानबूझकर ट्रेनिंग दे रखी है लैट्रिंग बाथरुम और अस्पताल इतनी बुरी तरह से गंदा है जो स्वास्थ्य विभाग को बदनाम करता है गंदगी से स्वच्छ व्यवस्था की सबसे ज्यादा लापरवाही आपको जिला अस्पताल भोपाल में देखने को मिल सकता है 21 नवंबर 2023 दिन मंगलवार को 50% डॉक्टर समय पर आ गए थे मगर उनका व्यवहार आज भी बहुत गंदा हैइसके लिए मरीज बहुत पीड़ित परेशान है कछुआ की चाल जैसे कार्य करने वाले लोगों का सम्मान कर रहे हैं भ्रष्ट बेईमान मक्कार सरकार को बेईमान और बदनाम करने वाले लोग राज कर रहे हैं सरकारी खजाने को भी लूट रहे हैं नियम विरुद्ध कार्य कर रहे हैं जो व्यक्ति लाइन में लगकर दवाई लेना चाहता है मगर उसको बहुत आराम से स्लो प्रोसेसिंग के हिसाब से देखते हैं और 30% लोगों को यहां के कर्मचारी पीछे वाले गेट से दवा देते हैं पक्षपात जातिवाद छोटा बड़ा अमीर गरीब का यहां पर अन्याय देखा जा सकता है
यह यहां के मैनेजमेंट और जिम्मेदार लोगों ने स्वास्थ्य विभाग और सरकार को बदनाम करने के लिए मोदी जी को 2024 में ना आने देने की तैयारी शायद जिला भोपाल स्वास्थ्य विभाग के अस्पताल के जिम्मेदार लोगों ने ठेका ले लिया है कि मरीज को जितना ज्यादा परेशान करेंगे हमारा नाम उतना ही रोशन होगा जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग की छवि खराब हो रही है सरकार की छवि खराब हो रही है
मक्कारी बढ़ रही है दुराचार बढ़ रहा है पक्षपात बढ़ रहा है अशांति का माहौल बना हुआ है
राष्ट्रीय में कार्य नहीं हो रहा है पारदर्शिता होनी चाहिए सरकारी कर्मचारी एकांत दो लापरवाही करता है तो उसे पर ही कार्रवाई हो 80% लोग बहुत ईमानदारी से कार्य करना चाहते हैं सरकारी दफ्तर ऑफिस अस्पतालों में उनके साथ शोषण हो रहा है यह जांच का गंभीर विषय है राष्ट्रहित में इसकी जांच हो और अपराधियों को कहीं से भी किसी भी एंगल में बचाया न जाए जिससे सरकारी अस्पतालों को भ्रष्टाचारियों से अत्याचारी से और कर्मचारियों के साथ एवं गंभीर गरीब मरीजों के साथ पक्षपात पर अन्याय हो रहा है
उसे रोका जा सके और अच्छे कार्य करने वाले कर्मचारी को ज्यादा परेशान किया जा रहा है
गंभीर मरीजों के प्रति उदासीनता वाला रोल अदा करते हैं सीनियर डॉक्टर को खुद तो लेट आते हैं और जबरन की डेविस बनाकर रखते हैं अपने छोटे कर्मचारियों को और उल्टा पट्टी पढ़कर रखते हैं सीसीटीवी कैमरा सबसे उत्तम चीज मानी जाती है
सर्वोच्च न्यायालय सीसीटीवी कैमरे से जांच करें ईमानदार अधिकारियों की टीम बनाकर सरकारी दफ्तरों में बहुत ज्यादा गोलमाल भ्रष्टाचारी अत्याचारी और कर्मचारी के साथ अन्याय और प्रदेश के सबसे गरीब छोटे गंभीर मरीज सरकारी अस्पतालों में आते हैं उन्हें बार-बार हर जगह लाइन में लगाने के नाम पर दंड दिया जा रहा है 1250 में ज्यादातर देखा जा रहा है प्राइवेट हॉस्पिटलों में इतनी ज्यादा लाइन नहीं लगती है
बैठने उठने साफ सफाई और डॉक्टर लोग हमेशा अवेलेबल अपने चेंबर में ओपीडी में अवेलेबल मिलते हैं
प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों का इंतजार करते हैं सरकारी अस्पतालों में उल्टा होता है नियम विरुद्ध कार्य करते हैं लेट आते हैं दोपहर में भाग जाते हैं कभी जल्दी भाग जाते हैं इस प्रकार की हरकत कर जनता को बेवकूफ बनाया जा रहा है कछुए की चाल से कार्य करते हैं जांच का गंभीर विषय है
आज भी कितने डॉक्टर कितने बजे आए हैं और कितने लोग दोपहर में गोल होकर आपको अपने परिवार के बीच में मिलेंगे जो बाहर से मेहमान के रूप में आए हैं सरकारी दफ्तर के सीसीटीवी कैमरे में देखा जा सकता है
जैसे की मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग कार्यालय में भी आप हमारे कुछ कर्मचारी अधिकारी सीनियर को देख सकते हैं जो लापरवाही बरतने वाले सीसीटीवी कैमरे में जो यहां ना है ड्यूटी पर सुबह थे
दोपहर बाद कहीं और मिल सकते हैं ऐसी भी जानकारी प्राप्त हुई है
जय हिंद जय भारत वंदे मातरम भारत माता की जय राष्ट्रहित में कार्यवाही हो सरकारी कर्मचारी और सरकारी अस्पतालों को बदनाम करने वाले के प्रति सख्त से सख्त कठोर दंडनीय कार्रवाई हो भोपाल जयप्रकाश अस्पताल से बहुत लोग पीड़ित है