सुरंग से निकला बेटा, मिलने से पहले चल बसे पिता…

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

झारखंड : उत्तरकाशी के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को बीती रात सही सलामत बाहर निकाल लिया गया। इनमें से 15 मजदूर झारखंड के भी है। मजदूरों के निकलने की खुशी में झारखंड में उनके परिवार जश्न मना रहे है। इनमें से ही एक मजदूर भक्तू मुर्मू के पिता बासेत उर्फ बारसा मुर्मू अब अपने बेटे से नहीं मिल पायेंगे। बीते कल ही रेस्क्यू से कुछ समय पहले ही उनके प्राण निकल गये। उनके कानों तक बेटे के रेस्क्यू की खबर तक नहीं पहुंच पाई। 70 साल के बारसा मुर्मू और उनकी पत्नी बीते 17 दिनों से बेटे की आने की आस देख रहे थे। पिता बारसा मुर्मू बीमार रहने लगे। खाट पर पड़े-पड़े हर आने-जाने वाले से वह पूछते मेरा बेटा कब आयेगा। बीते कल खाट से गिरने के कारण उनकी मौत हो गई। सुरंग से निकले बेटे से मिलने से पहले ही बारसा मुर्मू चल बसे। उनका घर जमशेदपुर के डुमरिया प्रखंड अंतर्गत बाहदा गांव में है। जब बेटे भक्तू को इस बात की खबर मिली तो वह फूट-फूटकर रोने लगा। वह अपने पिता से मिलना चाहता था। पिता की मौत के बाद उसकी मां भी सदमे में है।

इधर सभी मजदूरों को चिनूक हेलिकॉप्टर से ऋषिकेश ले जाया गया। आज सभी उत्तराखंड के सीएम धामी संग दीपावली मनायेंगे। इसके बाद देहरादून से दिल्ली और फिर दिल्ली से झारखंड के लिए रवाना होंगे।

 

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