राजेश कुमार यादव की कलम से
आम बोलचाल की भाषा में सूथनी लोकोक्ति काफी प्रचलित शब्द है। जब खाने को कुछ नहीं होता, तब लोग सूथनी का नाम लेते हैं क्योंकि सूथनी का प्रयोग सामान्य दिनों में बिल्कुल लोग नहीं करते हैं।
हालांकि, लोक आस्था के महापर्व पर संसार में उगने वाले हर फलों से पूजा होती है। यही कारण है कि महापर्व छठ में सूथनी भी बाजार में बिक रही है। अन्य दिनों में भले इसकी पूछ नहीं हो, लेकिन महापर्व में यह 200 से लेकर 250 रुपये प्रति किलो बिक रही है।
झारखंड-बिहार के प्रमुख इलाकों में छठ का बाजार सज गया है। काफी संख्या में लोग खरीदारी कर रहे हैं। ऐसे में सूथनी की कीमत हर किसी को चौंका रही है।
खाने में भी नहीं होता स्वाद, लेकिन फाइबर का खजाना
सूथनी ना देखने में अच्छी होती है, न खाने में ही कोई स्वाद होता है। ऊपर से इसके ऊपरी भाग पर काफी रेशे होते हैं। इस वजह से इसे लोग जल्दी पसंद नहीं करते। लेकिन डॉक्टरों की माने तो सूथनी में काफी फाइबर होता है। सदर अस्पताल के डॉक्ट राकेश बताते हैं, यह सेहत का खजाना है। इसमें भोजन पचाने की काफी क्षमता होती है।
स्टार फ्रूट और अदरक, हल्दी की भी पूजा में होता है प्रयोग
सूथनी के अलावा स्टार फ्रूट जिसे कई जगहों पर कमरख भी कहते हैं। यह भी 200 से लेकर ढाई सौ रुपए प्रति किलो बिक रहा है। इसके अलावा अदरक हल्दी की भी कीमत इसके आसपास है।
स्टार फ्रूट को विटामिन का स्रोत कहा जाता है। इसमें काफी मात्रा में विटामिन सी होती है। विटामिन ई की भी काफी मात्रा होती है। इसे मधुमेह मरीज के लिए भी काफी बेहतर माना जाता है।