बद्रीनाथ धाम के कपाट आज से बंद, 15 क्विंटल फूल से हुई भव्य सजावट

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रिपोर्ट राजेश कुमार यादव

बद्रीनाथ

उत्तराखंड की चार धाम यात्रा  का समापन हो रहा है। केदारनाथ धाम, गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के बाद आज दोपहर 3:33 बजे पूरे विधि विधान के साथ बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद हो जाएंगे।

बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाने से पहले पूरे मंदिर को 15 क्विंटल गेंदे के फूलों से सजाया गया है। सुबह से ही पूजा पाठ और मंत्रोच्चारण के साथ विधि विधान से कपाट बंद करने की तैयारी की जा रही है। कपाट को श्रद्धालुओं के लिए 27 अप्रैल को खोला गया था।

पंज पूजाओं के पांचवें दिन आज रावल माता लक्ष्मी को बद्रीनाथ मंदिर के गर्भगृह में विराजमान कर दिया जाएगा। धाम में पंच पूजाएं 14 नवंबर को शुरू हुई थीं। पहले दिन धाम में स्थित गणेश मंदिर और दूसरे दिन आदि केदारेश्वर मंदिर व आदि शंकराचार्य मंदिर के कपाट बंद किए गए।

जबकि, तीसरे दिन खड्ग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हुआ। पंच पूजाओं के क्रम में चौथे दिन मुख्य पुजारी रावल ईश्वर प्रसाद नंबूदरी ने स्त्री वेश धारण कर माता लक्ष्मी को भगवान बदरी विशाल के साथ गर्भगृह में विराजमान होने का निमंत्रण दिया।

इस मौके पर धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल वेदपाठी रविंद्र भट्ट और पुजारियों ने माता लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें कढ़ाई भोग अर्पित किया। बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि मंदिर समिति की ओर से तैयारी पूरी हो गई है। देर शाम तक दस हजार से अधिक तीर्थयात्री बदरीनाथ धाम पहुंच चुके थे।

बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही वर्ष 2023 की चार धाम यात्रा का भी समापन हो जाएगा। बता दें कि इस बार चार धाम यात्रा में 58 लाख से ज्यादा यात्रियों ने दर्शन किए हैं जो की एक नया रिकॉर्ड है।

आपको बता दें कि, बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद करने से पहले 14 नवंबर को गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए गए थे। इसके बाद अगले दिन भाई दूज पर 15 नवंबर को केदारनाथ धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद किए गए और आखिर में आज बद्रीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।


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